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हमर उत्थान सेवा समिति की शिकायत पर – प्रेमनगर के लापरवाह आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिका पर गिरी गाज, अफसरों पर कार्रवाई नहीं ?

by Admin on 2025-09-19 19:47:57

हमर उत्थान सेवा समिति की शिकायत पर – प्रेमनगर के लापरवाह आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिका पर गिरी गाज, अफसरों पर कार्रवाई नहीं ?

Cp Sahu 

सूरजपुर। 19 सितंबर 2025: छत्तीसगढ़ के सूरजपुर जिले में महिला एवं बाल विकास विभाग में भ्रष्टाचार और लापरवाही के मामले लगातार सामने आ रहे हैं। हमर उत्थान सेवा समिति द्वारा जिला प्रशासन को दिए गए लिखित आवेदन के आधार पर प्रेमनगर विकास खंड के दो आंगनबाड़ी कर्मचारियों को सेवा से हटाया गया है, लेकिन सुपरवाइजर और पूर्व सीडीपीओ पर कोई कार्रवाई न होने से प्रशासन की कार्यशैली पर सवाल उठ रहे हैं। यह जिला महिला एवं बाल विकास मंत्री लक्ष्मी रजवाड़े का गृह जिला होने के बावजूद जांच में देरी हो रही है, जो भ्रष्टाचार की जड़ों को मजबूत करने का संकेत देता है।

 समिति के अध्यक्ष सीपी साहू ने बताया कि ग्राम पंचायत लक्ष्मणपुर के दर्रीपारा में पदस्थ आंगनबाड़ी कार्यकर्ता मधु सिंह लंबे समय से अनुपस्थित रहती थीं। केंद्र हमेशा बंद रहता था और वह सूरजपुर में निवास करती थीं। 

सुपरवाइजर भारद्वाज द्वारा कोई मॉनिटरिंग नहीं की जा रही थी। "हमर उत्थान सेवा समिति" की लिखित शिकायत पर जिला प्रशासन ने जांच की और 30 जून 2025 को जारी आदेश में 'मधु सिंह' को आंगनबाड़ी कार्यकर्ता पद से तत्काल प्रभाव से हटा दिया गया। आदेश में कार्य में घोर लापरवाही, अनियमितता और अनाधिकृत अनुपस्थिति का हवाला दिया गया है, जो आंगनबाड़ी कार्यकर्ता/सहायिका नियुक्ति नियम की धारा 13.1, 13.3 और 13.5 के उल्लंघन पर आधारित है।

इसी तरह, ग्राम केदारपुर के धनुहारपारा आंगनबाड़ी केंद्र में पदस्थ सहायिका अनीता दास  भी लंबे समय से अनुपस्थित थीं। हमर उत्थान सेवा समिति की शिकायत पर 22 जुलाई 2025 को जारी आदेश में उन्हें सहायिका पद से हटा दिया गया। आदेश में समान आधारों का उल्लेख है, जिसमें मुख्यालय में निवास न करना और लंबी अनुपस्थिति शामिल है। हालांकि, इन दोनों मामलों में सुपरवाइजर भारद्वाज पर कोई कार्रवाई नहीं की गई है, जबकि शिकायत में उनकी लापरवाही का स्पष्ट उल्लेख था। इससे सवाल उठता है कि क्या उच्च स्तर पर संरक्षण दिया जा रहा है ?

हमर उत्थान सेवा समिति के अनुसार, प्रेमनगर महिला बाल विकास के पूर्व सीडीपीओ रहमान द्वारा 4 - 5 लाख रुपये की आर्थिक अनियमितता की गई है। तथ्यों के साथ शिकायत दर्ज कराई गई है, लेकिन अफसरों ने जांच को उचित नहीं समझा। यह मामला विभाग में व्याप्त भ्रष्टाचार की एक कड़ी मात्र है, जहां निचले स्तर के कर्मचारियों पर तो कार्रवाई होती है, लेकिन उच्चाधिकारियों को बचाया जाता है।

मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े का गृह जिला होने के कारण यहां की स्थिति और चिंताजनक है। राज्य में महिला एवं बाल विकास विभाग के तहत आंगनबाड़ी केंद्र बच्चों और महिलाओं के पोषण एवं विकास के लिए महत्वपूर्ण हैं, लेकिन लापरवाही और भ्रष्टाचार से ये केंद्र प्रभावित हो रहे हैं। 

HUSS ने मांग की है कि सभी दोषियों पर तत्काल कार्रवाई की जाए और विभाग में पारदर्शिता सुनिश्चित की जाए। स्थानीय निवासियों का कहना है कि यदि मंत्री के गृह जिले में ही ऐसी स्थिति है, तो पूरे राज्य की कल्पना की जा सकती है।





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